Akbar Birbal Hindi Short Story
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अकबर बीरबल की कहानियाँ (Akbar Birbal Hindi Story)

नीचे दी गई कहानियाँ भारत की सबसे मशहूर और मनोरंजक Akbar Birbal Hindi Short Story हैं। इनमें हास्य के साथ-साथ जीवन के गहरे सत्य और मूल्य छिपे हुए हैं।

 

 

कुआँ पंचायत

Akbar Birbal Hindi Short Story..

एक गरीब किसान ने एक अमीर आदमी से एक कुआँ खरीदा ताकि वह कुएँ के पानी से अपनी ज़मीन की सिंचाई कर सके। किसान ने अमीर आदमी द्वारा बताई गई कीमत चुकाई। अगले दिन, जब किसान कुएँ से पानी निकालने लगा, तो अमीर आदमी ने उसे रोक दिया और पानी भरने नहीं दिया। किसान ने सिर्फ़ कुआँ खरीदा है, उसका पानी नहीं। इसलिए, उसने कहा कि उसे कुएँ से पानी नहीं निकालना चाहिए।

किसान को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे, इसलिए वह राजा के दरबार में गया और अकबर को अपनी स्थिति बताई। अकबर ने यह मामला बीरबल को सौंप दिया।

अकबर ने बीरबल से गरीब किसान की समस्या सुलझाने के लिए कहा।

बीरबल की मुलाक़ात एक अमीर आदमी से होती है जो किसान के लिए मुसीबतें खड़ी करता है। अमीर आदमी ने वही बात दोहराई जो उसने किसान से कही थी, जिस पर बीरबल ने कहा, “तुमने कुआँ बेचा है, पानी नहीं। इसी तरह, तुम्हें भविष्य से पानी लेना होगा, यानी किसान को किराया देना होगा।”

अमीर आदमी को एहसास होता है कि उसकी योजना काम नहीं करेगी और वह किसान को कुएं का पानी इस्तेमाल करने की अनुमति दे देता है।


बीरबल खिचड़ी

एक दिन सर्दियों में, अकबर और बीरबल एक झील के किनारे टहल रहे थे। अकबर रुके, अपनी उंगली बर्फीले पानी में डुबोई और कहा, “मुझे नहीं लगता कि आज रात कोई भी इस ठंडे पानी में बच पाएगा,” और तुरंत उंगली बाहर निकाल ली। बीरबल ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और कहा कि वह किसी ऐसे व्यक्ति को ढूंढ निकालेंगे जो यह कर सके।

अकबर ने झील के ठंडे पानी में एक रात खड़े रहने वालों को 1,000 स्वर्ण मुद्राएँ देने का वादा किया था। बाद में, बीरबल एक गरीब आदमी को लेकर आए जिसने 1,000 स्वर्ण मुद्राओं की शर्त स्वीकार कर ली। वह गरीब आदमी पूरी रात बर्फीले पानी में खड़ा रहा और दो पहरेदार पहरा दे रहे थे।

सुबह उस गरीब आदमी को उपहार के लिए सभा में ले जाया गया। जब राजा ने पूछा कि वह बर्फीले पानी में कैसे खड़ा हो पाया, तो उस आदमी ने जवाब दिया, “हुजूर, मैं दूर एक दीपक को देखता रहा और पूरी रात उसे देखता रहा।” तब अकबर ने कहा, “यह आदमी इनाम का हकदार नहीं है क्योंकि वह दीपक की गर्मी पाकर झील में खड़ा हो पाया।”

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बेचारे को बहुत तकलीफ़ हुई। वह मदद के लिए बीरबल के पास गया। अगले दिन बीरबल सभा में नहीं गए। अकबर इसका कारण जानने के लिए बीरबल के पास गए। वहाँ बीरबल आग के पास बैठे थे और उनके ऊपर लगभग 6 फ़ीट ऊँचा एक बर्तन लटका हुआ दिखाई दिया।

अकबर ने बीरबल से पूछा कि यह क्या है, तो बीरबल ने कहा, “मैं खिचड़ी पका रहा हूँ, महाराज।” अकबर हँसने लगे और बोले, “यह असंभव है।” बीरबल ने कहा, “यह संभव है, महाराज। अगर एक गरीब आदमी जलते हुए दीये को देखकर गर्मी महसूस कर सकता है, तो मैं भी उसी तरह यह खिचड़ी पका सकता हूँ।” अकबर बीरबल की भावना समझ गए और शर्त पूरी करने पर उस गरीब आदमी को इनाम दिया।


Akbar Birbal Hindi Short Story

सत्य – असत्य

एक दिन बादशाह अकबर कोलुवु डेरी में थे। उस समय उन्हें एक शंका हुई और उन्होंने सभा में चारों ओर देखा। अकबर बादशाह की नज़र का अर्थ न जानते हुए, सभा में सभी लोग चुप रहे। अकबर की आवाज़ सभा में गूँज रही थी, जिससे आवाज़ में कड़वाहट आ गई थी। “क्या कोई दो-तीन शब्दों में सच और झूठ का अंतर बता सकता है?” अकबर चक्रवर्ती ने पूछा।

बदूशा द्वारा पूछे गए इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए सभा में कोई भी आगे नहीं आया। कुछ देर तक तो सभी सदस्य नींबू पानी पीते हुए असमंजस में रहे, यह सोचते हुए कि उत्तर क्या होगा। थोड़ी देर बाद अकबर ने बीरबल की ओर देखा। उसी समय बीरबल प्रकट हुए, जो अपने विचारों में मग्न होकर बदूशा के प्रश्न का उत्तर ढूँढ़ रहे थे।

अकबर ने बीरबल से मेरे प्रश्न का उत्तर देने को कहा।

बीरबल ने उत्तर दिया “चित्तम जहाफाना! वास्तव में झूठ और झूठ के बीच 4 अंगुल का अंतर होता है”।

अकबर के अलावा सभा में किसी को भी बीरबल के उत्तर का अर्थ समझ में नहीं आया।

अकबर ने तुरंत हस्तक्षेप किया “बीरबल! उन्होंने पूछा कि क्या आप अपना उत्तर आगे समझाएंगे।” “बिल्कुल महाराज! आंखों और कानों के बीच की दूरी चार है। यह हर कोई जानता है! यदि कानों से सुनी गई बातें झूठी हैं, तो आंखों से जो देखा जाता है वह सच है,” बीरबल ने समझाया।

सभा में सभी लोगों ने अकबर का उत्साहवर्धन किया। बीरबल की बुद्धिमत्ता से प्रभावित होकर, अकबर ने उसे गले लगाया और एक हज़ार स्वर्ण मुद्राएँ देकर सम्मानित किया।


एक प्रश्न

बीरबल की अद्वितीय बुद्धि और बुद्धिमत्ता के किस्से दूर-दूर तक फैले हुए थे। एक बार एक विद्वान अकबर के दरबार में बीरबल की बुद्धिमत्ता को चुनौती देने के विचार से आया। विद्वान ने बादशाह से कहा कि वह इतना बुद्धिमान है कि बीरबल भी उसके सवालों का जवाब नहीं दे सकता। अकबर ने बीरबल को सभा में बुलाया और विद्वान की बात बताई। बीरबल पंडित ने उनके सामने रखी गई चुनौती स्वीकार कर ली।

फिर विद्वान ने बीरबल से पूछा, “क्या आप सौ आसान सवालों के जवाब देना चाहेंगे या एक मुश्किल सवाल?” बीरबल ने कहा कि वह मुश्किल सवाल का जवाब देंगे। तब विद्वान ने बीरबल के साथ कहा, “बताओ पहले क्या आया, गाय या कपड़ा?” बीरबल ने कुछ देर सोचा और कहा, “मुर्गी पहले आई।” विद्वान ने बीरबल का मज़ाक उड़ाते हुए कहा, “तुम्हें कैसे यकीन है?”

तब बीरबल ने तुरन्त कहा, “मैंने केवल एक प्रश्न का उत्तर देने का वचन दिया था, इसलिए मैं उत्तर नहीं दूंगा।” विद्वान अपने तर्क पर लज्जित हुआ और सभा से चला गया।


Akbar Birbal ki kahani in hindi

चोर कौन है?

एक दिन एक अमीर व्यापारी बीरबल के पास गया और शिकायत की कि उसके घर में चोरी हो गई है। उसने यह भी बताया कि उसे शक है कि उसके किसी नौकर ने घर में चोरी की है। बीरबल व्यापारी के घर गए, सभी नौकरों को घेर लिया और उनसे पूछा कि घर में चोरी किसने की है। जैसी कि उम्मीद थी, कोई भी चोरी का अपराध कबूल करने के लिए आगे नहीं आया।

बीरबल आरोपी को ढूंढने का रास्ता ढूंढता है।

बीरबल ने हर नौकर को एक छड़ी दी और कहा कि अगली सुबह जो भी चोर चाहेगा, उसकी छड़ी दो इंच लंबी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह व्यापारी को पता चल जाएगा कि उसे किसने लूटा है। अगली सुबह, बीरबल ने नौकरों से वे छड़ियाँ माँगीं और व्यापारी को अपराधी दिखाया। चोर ने छड़ी की लंबाई दो इंच कम कर दी, यह सोचकर कि अगली सुबह छड़ी बड़ी हो जाएगी। इस तरह बीरबल को पता चल गया कि चोर कौन था।


Akbar Birbal Hindi Short Story

चिकन नगेट

एक बार अकबर बादशाह अपने प्रिय मंत्री बीरबल को चिढ़ाना चाहते थे। उन्होंने बाकी सभी मंत्रियों से कहा कि वे बीरबल के साथ एक छोटा सा खेल खेलेंगे और तुम सबको मेरी मदद करनी होगी। योजना के अनुसार, अगले दिन सभी मंत्री अपने कपड़ों में एक-एक अंडा छिपाकर सभा में पहुँचे। उस दिन अकबर ने दरबारियों को बताया कि उन्हें एक सपना आया है – जिसके अनुसार मंत्रियों को महल के तालाब में उतरकर एक-एक अंडा लाना था, और कहा कि जो भी इसे लाएगा, उसे अकबर का वफादार माना जाएगा।

अपना सपना बताने के बाद, अकबर ने अपने सभी मंत्रियों से भी ऐसा ही करने और अपनी वफ़ादारी दिखाने को कहा। योजना के अनुसार, सभी मंत्रियों ने अंडे ढूँढ़ने का नाटक किया और अपने कपड़ों में छिपा अंडा लौटा दिया। बीरबल अंडा ढूँढ़ता रहा, लेकिन उसे कुछ नहीं मिला।

जब बीरबल खाली हाथ पहुँचे, तो सब उनका मज़ाक उड़ाने लगे और एक-दूसरे पर हँसने लगे। बीरबल को सारा माजरा समझ में आ गया और वे राजा के पास गए और ज़ोर से बाँग दी। राजा हैरान रह गए और उन्होंने बीरबल से पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, तो बीरबल ने जवाब दिया, “महाराज, मैं मुर्गी नहीं हूँ, इसलिए मैं आपके लिए अंडे नहीं ला सकता; लेकिन मैं चिकन नगेट इसीलिए मैं इतनी ज़ोर से चिल्ला सकता हूँ,” उसने कहा। यह सुनकर सब लोग खिलखिलाकर हँस पड़े।


अकबर के शासनकाल में कौओं की संख्या

 

एक सुबह अकबर और बीरबल राजा के बगीचे में टहल रहे थे। अकबर ने अपने बगीचे में कौवे देखे और सोचा कि उनके राज्य में कितने कौवे होंगे। उन्होंने बीरबल से एक सवाल पूछा। अकबर के राज्य में कितने कौवे हैं?

बीरबल ने कुछ देर सोचा और बताया कि राज्य में नब्बे हज़ार दो सौ उनचास कौवे हैं। अकबर उसके इस त्वरित उत्तर से हैरान रह गए। उन्होंने पूछा, “अगर कौवों की संख्या तुम्हारी बताई संख्या से ज़्यादा हो जाए तो क्या होगा?” बीरबल ने जवाब दिया, “तो पड़ोसी राज्यों से कौवे हमारे राज्य में आ गए।”

फिर अकबर ने पूछा, “अगर संख्या तुम्हारी बताई संख्या से कम हुई तो क्या होगा?” बीरबल ने शांति से जवाब दिया, “तो, कौवे पड़ोसी राज्य में छुट्टियाँ मनाने चले गए।”


Akbar birbal ki kahani in hindi PDF

राजा कौन है?

एक बार बीरबल को एक राजदूत के रूप में दूसरे राज्य में भेजा गया। उस राज्य के राजा ने भी बीरबल की तीक्ष्ण बुद्धि के किस्से सुने थे और उसकी परीक्षा लेना चाहा। राजा ने बीरबल की परीक्षा लेने के लिए अपने सभी मंत्रियों को उनके जैसे कपड़े पहनाए और वे सभी एक पंक्ति में बैठ गए। जब ​​बीरबल सभा में दाखिल हुए, तो वे यह देखकर हैरान रह गए कि सभी एक जैसे कपड़े पहने हुए थे और एक ही सिंहासन पर बैठे थे। बीरबल हैरान होकर, कुछ देर तक सबको ध्यान से देखते रहे और फिर उनमें से एक के पास जाकर उसे प्रणाम किया।

बीरबल की बुद्धिमत्ता से हैरान होकर बादशाह ने बीरबल को गले लगा लिया और पूछा, “तुमने कैसे अंदाज़ा लगा लिया?” बीरबल मुस्कुराए और बोले, “महाराज, आप जितने वफ़ादार हैं, उतना यहाँ कोई और नहीं है और मुझे लगता है कि बाकी सब आपकी मंज़ूरी का इंतज़ार कर रहे हैं।” बीरबल की चतुराई की तारीफ़ करने से बादशाह खुद को रोक नहीं पाए।


अकबर – अंगूठी

एक बार अकबर ने अपने पिता द्वारा उपहार में दी गई एक अंगूठी खो दी। वह तुरंत बीरबल के पास गए और उनसे मदद माँगी। बीरबल ने कहा कि वह अंगूठी ढूँढ़ने में उनकी मदद करेंगे। उन्होंने वहाँ मौजूद दरबारियों से कहा कि उन्हें पता है कि उनमें से किसी ने अंगूठी चुराई है। अकबर ने गुस्से में पूछा कि उनमें से किसने उनकी अंगूठी चुराई है।

बीरबल ने उत्तर दिया कि दाढ़ी में घास वाले दरबारी के पास राजा की अंगूठी है।

अकबर अपनी चोरी हुई अंगूठी ढूंढने के लिए बीरबल से मदद मांगते हैं।

अपराधी ने तुरंत अपनी दाढ़ी नोंचकर दाढ़ी से जूं निकाली। बीरबल ने उसकी ओर इशारा करके अकबर को बताया कि अपराधी वही है।


Akbar Birbal Hindi Short Story

आम का पेड़

एक बार, राम और श्याम नाम के दो भाई, दृश्यम में इस बात पर झगड़ रहे थे कि एक आम के पेड़ पर किसका अधिकार है। राम कहता है कि आम का पेड़ उसका है; लेकिन श्याम कहता है कि वह उसका है। तब उन्होंने मदद के लिए बीरबल के पास जाने का फैसला किया। बीरबल ने स्थिति का विश्लेषण किया और भाइयों से कहा कि वे सभी आम तोड़कर दोनों भाइयों में बराबर-बराबर बाँट लें और फिर पेड़ को दो बराबर हिस्सों में काट दें।

बीरबल की बातें सुनने के बाद, राम हाँ में सिर हिलाता है, लेकिन श्यामू उससे विनती करता है कि अब वह पेड़ न काटे क्योंकि वह इसे तीन साल से उगा रहा है।

बीरबल को पता चल जाता है कि पेड़ का असली मालिक कौन है। बीरबल तब फैसला सुनाते हैं कि “यह पेड़ श्याम का है, क्योंकि इसे काटने का ख्याल ही उसे परेशान कर देता है। जिसने भी इसे तीन साल तक देखा है, वह इसे मारने के बारे में तुरंत नहीं सोचेगा।”


बुद्धि से भरा बर्तन

एक बार अकबर बीरबल से नाराज़ हो गए और उन्हें अपने राज्य से निकाल दिया। बीरबल एक दूर गाँव में जाकर एक नया रूप धारण कर लेते हैं और किसानी करने लगते हैं। कुछ हफ़्ते बाद, अकबर को बीरबल की याद आने लगी। अकबर ने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि वे बीरबल का पता लगाएँ और उसे राज्य में वापस लाएँ। सैनिकों ने राज्य के एक छोर से दूसरे छोर तक उनकी तलाश की, लेकिन बीरबल नहीं मिले।

अकबर को बीरबल को ढूँढ़ने का एक विचार सूझा। फिर अकबर ने पूरे राज्य में संदेश भिजवाया कि हर गाँव का मुखिया उसे ज्ञान से भरा एक घड़ा भेजे। जो कोई भी पूरी बुद्धि के साथ घड़ा नहीं भेज सकता, वह उस घड़े को सोने और हीरे से भरकर उसे भेज सकता है।

अकबर ने इसे बीरबल को शहर में वापस लाने का एकमात्र तरीका समझा।

 

बीरबल गाँव के सभी लोग सोच रहे थे कि कैसे ज्ञान का घड़ा भरा जाए और कैसे ज्ञान का घड़ा भरा जाए। तब बीरबल ने मदद की पेशकश की और राजा को वह देने का एक तरीका निकाला जो वह चाहते थे।

उसने गमले में एक छोटा तरबूज़ लगाया, उसे बेल से अलग किए बिना। वह रोज़ाना पौधे को पानी देता था और उसे इतना बड़ा करता था कि गमले की पूरी जगह घेर ले।

बीरबल ने तरबूज़ को डंठल से अलग किया और बर्तन को राजा के पास भेज दिया। बर्तन के साथ उन्होंने एक संदेश भी भेजा, “अगर आप तरबूज़ को बिना काटे सावधानी से निकालेंगे, तो बर्तन में बुद्धि प्रकट होगी।”

अकबर समझ गए कि केवल बीरबल ही बर्तन भेज सकता है। वे स्वयं गाँव गए और बीरबल को राजधानी वापस ले आए।


Akbar Birbal Hindi Short Story

सोने का सिक्का मारिया

एक दिन अकबर ने बीरबल से एक सामान्य प्रश्न पूछा, “मेरे प्यारे बीरबल, अगर मैं तुम्हें न्याय और सोने के सिक्के में से चुनने को कहूँ, तो तुम क्या चुनोगे?” बीरबल ने बिना ज़्यादा देर किए जवाब दिया, “महाराज, मैं बिना किसी संदेह के सोने का सिक्का चुनूँगा।” बीरबल के इस त्वरित उत्तर से अकबर समेत सभी लोग अचंभित रह गए और इस बार उन्हें लगा कि बीरबल चूक गए हैं। अकबर ने कहा, “मैं तुमसे बहुत निराश हूँ।

आपने न्याय जैसी मूल्यवान चीज़ के बजाय सोने के सिक्के जैसी तुच्छ चीज़ क्यों चुनी? बीरबल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “महाराज, आपके राज्य में न्याय हर जगह मिलता है, और न्याय की कोई कमी नहीं है। मुझे नहीं लगा कि मुझे कोई बड़ी चीज़ माँगनी चाहिए, लेकिन महाराज ने कहा कि मुझे ज़रूर धन की आवश्यकता होगी, इसलिए मैंने एक सोने का सिक्का चुना।”

यह जवाब सुनकर अकबर कुछ बोल तो नहीं पाए, लेकिन उनके चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान आ गई। वे बीरबल के जवाब से बहुत खुश हुए और उन्हें 100 सोने के सिक्के उपहार में दिए।

 

Akbar Birbal Stories in Telugu

 

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